नवरात्रि के नौ दिनों का महत्व और देवी पूजन का रहस्य

जनरल बातें
Dec 16, 2025
loding

प्रस्तावना:

नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली पर्व है। इसे शक्ति की उपासना का उत्सव माना जाता है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है – चैत्र, आषाढ़, आश्विन (शारदीय) और माघ, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व विशेष होता है। शारदीय नवरात्रि को देवी के महिषासुर पर विजय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इन नौ दिनों के माध्यम से हम न केवल देवी शक्ति की पूजा करते हैं बल्कि अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।

नवरात्रि के नौ दिनों का महत्व

 नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर दिन का अलग रंग, अलग स्वरूप और अलग महत्व होता है। इन नौ रूपों की आराधना से साधक के जीवन में मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन आता है।

प्रथम दिनशैलपुत्री माता की पूजा:

  • रंग: पीला
  • महत्व: शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। इनकी पूजा से साधक को स्थिरता, धैर्य और जीवन में नई शुरुआत करने की शक्ति मिलती है।
  • लाभ: जीवन में बाधाएं दूर होती हैं, आत्मविश्वास बढ़ता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

दूसरा दिनब्रह्मचारिणी माता की पूजा:

  • रंग: हरा
  • महत्व: ब्रह्मचारिणी तप की देवी हैं। ये तप, त्याग और संयम का संदेश देती हैं।
  • लाभ: पढ़ाई में सफलता, आत्मसंयम की प्राप्ति और मानसिक शक्ति का विकास।

तीसरा दिनचंद्रघंटा माता की पूजा:

  • रंग: ग्रे
  • महत्व: ये शांति और साहस की प्रतीक हैं। इनके माथे पर अर्धचंद्र शोभित रहता है।
  • लाभ: भय और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है, आत्मबल में वृद्धि होती है।

चौथा दिनकूष्मांडा माता की पूजा:

  • रंग: नारंगी
  • महत्व: इन्हें ब्रह्मांड की स्रष्टा कहा जाता है। इनकी पूजा से साधक का जीवन प्रकाशमय हो जाता है।
  • लाभ: स्वास्थ्य में सुधार, जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार।

पाँचवाँ दिनस्कंदमाता की पूजा:

  • रंग: सफेद
  • महत्व: ये भगवान कार्तिकेय की माता हैं। ये भक्ति और प्रेम का प्रतीक हैं।
  • लाभ: परिवार में प्रेम और एकता बढ़ती है, संतान सुख में वृद्धि होती है।

छठा दिनकात्यायनी माता की पूजा:

  • रंग: लाल
  • महत्व: ये महिषासुर मर्दिनी के रूप में जानी जाती हैं। इनकी पूजा से साहस और आत्मरक्षा की शक्ति मिलती है।
  • लाभ: विवाह योग में बाधाएं दूर होती हैं, साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।

सातवाँ दिनकालरात्रि माता की पूजा:

  • रंग: नीला
  • महत्व: ये देवी का सबसे उग्र रूप हैं। ये साधक को हर प्रकार की बुरी शक्तियों से बचाती हैं।
  • लाभ: शत्रु भय समाप्त होता है, जीवन में सुरक्षा और स्थिरता आती है।

आठवाँ दिनमहागौरी माता की पूजा:

  • रंग: गुलाबी
  • महत्व: महागौरी पवित्रता और सौंदर्य की प्रतीक हैं। इनकी पूजा से जीवन में शांति और शुद्धता आती है।
  • लाभ: दांपत्य जीवन में सुख, पवित्रता और मानसिक शांति मिलती है।

नौवाँ दिनसिद्धिदात्री माता की पूजा:

  • रंग: बैंगनी
  • महत्व: ये सिद्धियों और शक्तियों की दात्री हैं। इनकी पूजा से साधक को आध्यात्मिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
  • लाभ: जीवन में सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं, आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि के नौ दिनों में कौन से कार्य करें और कौन से कार्य ना करे:

क्या करें :-

  1. रोज़ाना स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएँ।
  3. नौ दिनों तक व्रत रख सकते हैं (फलाहार का सेवन कर सकते है।)
  4. देवी के मंत्रों का जाप करें।
  5. जरूरतमंदों को दान दें।
  6. घर में सकारात्मक वातावरण बनाए रखें।

क्या न करें :-

  1. नकारात्मक विचार, क्रोध, ईर्ष्या से बचें।
  2. मांसाहार, मद्यपान और नशे का सेवन न करें।
  3. झूठ बोलने और दूसरों का अपमान करने से बचें।
  4. घर में कलह या शोर-शराबा न करें।
नवरात्रि पूजन से जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन:
  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि।
  • परिवार में सुख-समृद्धि और सौहार्द का वातावरण।
  • बाधाओं और शत्रु भय का निवारण।
  • स्वास्थ्य में सुधार और ऊर्जा में वृद्धि।
  • जीवन में नई संभावनाओं और अवसरों का मार्ग प्रशस्त।

निष्कर्ष:

नवरात्रि केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन को सकारात्मक दिशा देने का एक अद्भुत अवसर है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करके हम अपने जीवन में शुद्धता, साहस, भक्ति और ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। यह पर्व हमें सिखाता है कि नकारात्मकता और अज्ञान रूपी महिषासुर पर विजय प्राप्त कर हम अपने भीतर की शक्ति को जाग्रत कर सकते हैं। यदि हम श्रद्धा और अनुशासन के साथ इन दिनों का पालन करें, तो हमारे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आत्मिक बल का विकास निश्चित है।